ब्रह्माण्ड । सौरमण्डल। Universe

 ब्रह्माण्ड ।। सौरमण्डल।। Universe
Universe
Universe

 हमारा ब्रह्माण्ड कितना विशाल है और यह दिन पे दिन बढ़ता ही जा रहा है क्या आपको पता है की हमारे ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति कैसे हुई दोस्तों हमारे ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति एक बहुत ही विशाल विस्फोट से हुई। इस वृहत विस्फोट सिद्धांत को बेल्जियम के खगोलशास्त्री 'ए. बी. जॉर्ज लेमतेरे' ने दिया।
दोस्तों अगर आप इस चेप्टर को अच्छे से तैयार कर लेते हैं तो आपको RRB NTPC में इस चेप्टर से सम्बंधित कोई परेशानी नही होगी।

हमारी आकाशगंगा से जुड़े कुछ तथ्य

   दोस्तों क्या आपको पता है की हमारे ब्रह्माण्ड में असंख्य मन्दाकिनी हैं तथा वह मन्दाकिनी जिसमें हमारा सूर्य, पृथ्वी तथा ग्रह एवं उपग्रह आदि हैं, आकाशगंगा कहलाती है।
हमारी आकाशगंगा की आकृति सर्पिल है और इसका नाम मंदाकिनीहै, इसमें लगभग दो खरब तारे हैं।
आकाशगंगा को नंगी आँखों से देखा जा सकता है।
दोस्तों हमारी आकाशगंगा अंधेरी बादलों रहित रात में एक उजली सर्पिलाकार पटरी जैसी दिखाई देती है।
बैज्ञानिक एडविन पी. हब्बल (अमेरिका) ने 1925 ई. में सर्वप्रथम बताया कि आकाशगंगा के अलावा ब्रह्माण्ड में अन्य कई और आकाशगंगा भी मौजूद हैं।
आकाशगंगा की निकटतम मन्दाकिनी 'देवयानी '
मन्दाकिनी है। यह  हमारी आकाशगंगा से 2.2x 10" प्रकाश वर्ष दूर स्थित है।

हमारी आकाशगंगा का सबसे चमकीला तारा

दोस्तों हमारी आकाशगंगा का सबसे चमकीला तारा  (सौरमंडल के बाहर) 'साइरस' है। इसे 'व्याध' या "लुब्धक' भी कहा जाता है।
दोस्तों प्रोक्सिमा सेंचुरी हमारे सौरमंडल का सबसे नजदीकी
तारा है, जो हमसे लगभग 4.25 प्रकाश वर्ष दूर है।
दोस्तों ये ग्रह और तारो की दूरियां बहुत ज्यादा होती हैं इसलिये हम इन दूरियों को मापने के लिए पारसेक और प्रकाश बर्ष का इस्तेमाल करते हैं।
पारसेक दूरी मापने का एक मात्रक है।
1 पारसेक = 3.26 प्रकाश वर्ष

बैज्ञानिक इरेटोस्थनीज (यूनान, 274-194 B.C.) ने सर्वप्रथम "ज्योग्राफिका' शब्द का प्रयोग किया था। इन्हें इसलिए भूगोल का पिता कहा जाता है। इसमे सौर मण्डल,
सौर मण्डल सूर्य के साथ आठ ग्रह, ग्रह के उपग्रह
कुछ क्षुद्रग्रह (Asteroid) तथा बड़ी संख्या में धूमकेतू
(Comets) सम्मिलित हैं।

◆  हमारा शौरमण्डल ◆◆
सौरमंडल में कुल सात ग्रह है- बुध. शुक्र, पृथ्वी, मगल
बृहस्पति शनि अरुण और वरुण आते है।
पृथ्वी सहित सभी ग्रह की परिक्रमा करने में जितना भी  समय लगता है उस समय को एक्ष कहते हैं। यह अवधि सूर्य
से ग्रह की दूरी पर निर्भर करती है।
सूर्य के चारों ओर घूमने वाले ग्रह अपनी ही धुरी पर घूमते रहते हैं। उनके एक चक्कर की अवधि को उनक
एक दिन कहते हैं तथा ग्रहों के अपनी धुरी पर घूमने की
गणना को पृथ्वी के दिनों के अनुसार करते है।
सभी ग्रह अपने अक्ष से एक निश्चित डिग्री पर झुके हुये होते हैं जिसके परिणामस्वरूप दिन व रात्रि में परिवर्तन अनुक्रमिक रूप से होता रहता है।
 ◆◆ सूर्य से बढ़ती दूरी के आधार पर ग्रह ◆◆
बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल, बृहस्पति शनि, यूरेनस,
नेपच्यून, वरुण ।
 ◆◆ आकर के घटते क्रम में ग्रह ◆◆
बृहस्पति, शनि, यूरेनस और, नेपच्यून, वरुण पृथ्वी
शुक्र, मंगल, बुध।

    ◆◆Also Read◆◆

● Railway RRB NTPC GK Question
Previous
Next Post »